विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम | विश्व मलेरिया दिवस कब मनाया जाता है | जानिए क्या है इसका इतिहास

विश्व मलेरिया दिवस 2022

World Malaria Day 2022


मलेरिया: वर्तमान समय में पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है। दुनिया भर में प्रतिदिन लाखों केस सामने आ रहे हैं। कई देशों में इसकी अनेक विनाशकारी लहरें गुजर चुकी हैं। भारत भी इस महामारी से अछूता नहीं है। भारत में भी कोरोना महामारी की तीन विनाशकारी लहरें गुजर चुकी हैं और वर्तमान में जिस तरह से लगातार प्रतिदिन पॉजिटिविटी रेट बढ़ रही है, प्रतिदिन आने वाले केसों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए चौथी लहर शुरू होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। 

हालांकि कोरोना महामारी की वैक्सीन बन चुकी है और इसकी मोर्टालिटी रेट भी काफी कम है। साथ ही इस बात की भी पूरी संभावना है कि यह महामारी बहुत ही जल्दी seasonal disease में convert हो जायेगी। परन्तु इस महामारी के कारण हम उन बीमारियों को नहीं भूल सकते जिनके कारण प्रतिवर्ष पूरे विश्व में लाखों लोगों की जाने जाती हैं और जिनकी अभी तक कोई वैक्सीन भी नहीं बनी है। ऐसे रोग जिनमें मृत्यु दर भी इसकी अपेक्षा बहुत अधिक है और जो प्रतिवर्ष एक दौर के रूप में पूरे विश्व में सबके सामने आती हैं। उन्हें बीमारियों में से एक है- मलेरिया। 



मलेरिया किस बैक्टीरिया के कारण होता है

यह बीमारी प्लाजमोडियम बैक्टेरिया के कारण फैलती है जिसकी वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर है।  मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद यह परजीवी मनुष्य के लीवर (यकृत) में वृद्धि करते हैं और धीरे-धीरे लाल रक्त कणिकाओं (RBCs) को नष्ट करने लगते हैं। इससे शरीर में RBCs की कमी हो जाती है।


मलेरिया के लिए जिम्मेदार प्लाज्मोडियम बैक्टीरिया की 5 प्रजातियां ऐसी होती हैं, जो मलेरिया के संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन इनमें से दो प्रजातियां प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम और प्लाज्मोडियम वाईवैक्स अधिक संक्रामक एवं जानलेवा हैं। 


संपूर्ण विश्व में प्रतिवर्ष लाखों लोग मलेरिया के कारण मृत्यु के गोद में समा जाते हैं। विशेष तौर पर बात की जाए तो अफ्रीकी महाद्वीप इससे सर्वाधिक प्रभावित रहा है। पूरे विश्व में लगभग 106 ऐसे देश हैं जिनमें मलेरिया का सर्वाधिक खतरा है। इन देशों में लगभग 3.3 अरब जनसंख्या निवास करती है। वर्ष 2012 में मलेरिया के कारण लगभग 6,27,000 मृत्यु हुई थी, जिनमें से अधिकतर अफ्रीकी, एशियाई, लैटिन अमेरिकी बच्चे शामिल हैं। इसका प्रभाव कुछ हद तक मध्य पूर्व तथा यूरोप के कुछ भागों में भी हुआ था।


हालांकि, इस बीमारी का बचाव और इलाज दोनों संभव है। दुनिया के कई देश लगातार इस पर काम कर रहे हैं। साल 2000 से 2014 के बीच, दुनिया भर में मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या में 40% की गिरावट आई है। जिसका मतलब है कि लाखों लोगों की जान बचाने के लिए मलेरिया के खिलाफ चल रहे अभियान में ऐतिहासिक प्रगति हो रही है।


विश्व मलेरिया दिवस कब से मनाया जा रहा है

विश्व मलेरिया दिवस: यह प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 25 April 2008 से हुई थी। इसकी स्थापना मई 2007 में 60वें विश्व स्वास्थ्य सभा के सत्र के दौरान की गई थी। इसके पहले मलेरिया दिवस अफ्रीकी महाद्वीप में 2001 से मनाई जा रहा था। वर्ष 2007 में इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मान्यता दी गई थी। इस दिन का उद्देश्य मलेरिया जैसी घातक बीमारी के नियंत्रण में तत्काल कार्रवाई करना है।


यह दिन इस बात के लिए भी पहचाना जाता है कि मलेरिया के नियंत्रण हेतु किस प्रकार के वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं। मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी में हर साल कई लाख लोग जान गवाँ देते हैं।


विश्व मलेरिया दिवस उन 8 आधिकारिक वैश्विक सामुदायिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक हैं जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन(World Health Organizations-WHO) द्वारा चिन्हित किया गया है। इनमें विश्व मलेरिया दिवस के अलावा विश्व स्वास्थ्य दिवस, विश्व रक्तदान दिवस, विश्व टीकाकरण सप्ताह, विश्व तपेदिक दिवस, विश्व तंबाकू निषेध दिवस, विश्व हेपेटाइटिस दिवस एवं विश्व एड्स दिवस शामिल हैं।


World Malaria Day 2022 की थीम
विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम है-मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करना- Harness Innovation to reduce the Malaria disease burden and save lives“। इस साल का विश्व मलेरिया दिवस वैश्विक मलेरिया उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नवाचारों की ओर ध्यान आकर्षित करेगा।


वर्ष 2021 में विश्व मलेरिया दिवस की थीम “शून्य मलेरिया लक्ष्य तक पहुंचना” रखी गई थी।


भारत ने वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, जबकि साल 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर कई परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं। 


मलेरिया क्यों फैलता है

आमतौर पर मलेरिया सबसे ज्यादा मानसून और गर्मी के सीजन में होता है, क्योंकि इन दिनों मच्छरों की संख्या काफी बढ़ जाती है। मलेरिया के मच्छर ज्यादा तर उन जगहों पर पनपते हैं, जहां गंदगी होती है, गंदा पानी जमा होता है। मलेरिया एनोफेलीज मच्छर (anopheles mosquito) के काटने से होता है और ये एनोफेलीज मच्छर प्लास्मोडियम पैरासाइट(परजीवी) से संक्रमित होते हैं। जब ये मच्छर किसी को काट लेते हैं, तो ये पैरासाइट उस मनुष्य के ब्लड में प्रवेश करके लाल रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है।


मलेरिया के लक्षण

मलेरिया के लक्षणों में बुखार और फ्लू जैसे लक्षण शामिल हैं जिसमें सिर दर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, थकान जैसी समस्याएं होती हैं। मलेरिया के प्रमुख लक्षण यह हैं कि एक निश्चित अंतराल से रोज एक निश्चित समय पर मरीज को बुखार आता है। याद रखें मच्छर काटने के 14 दिन बाद मलेरिया के लक्षण सामने आते हैं।


इलाज 

यदि मरीज में ऊपर लिखे लक्षण सामने आ रहे हैं तो उसका इलाज योग्य चिकित्सक से कराना चाहिए। कुनैन की गोली इस रोग में फायदा पहुंचाती है, परंतु बिना किसी चिकित्सीय परामर्श के इसे लेना हानिकारक हो सकता है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के मामले में अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होती है। 
 
मरीज को सूखे और गर्म स्थान पर आराम करने दें। कुनैन के कारण मरीज को मितली के साथ उल्टियां आ सकती हैं। इसके कारण मरीज को निर्जलन की शिकायत भी हो सकती है। 

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