World Environment Day 2022 | 5 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस | विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम क्या है

पर्यावरण दिवस 2022

पर्यावरण दिवसदुनिया भर में प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर कई जगहों पर पर्यावरण संबंधी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। कई जगहों पर लोगों को पर्यावरण का महत्व बताने के लिए और उन्हें प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने के अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई सरकारी और निजी संस्थाएं व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करवाती हैं। विद्यालयों में बच्चों को “वृक्षों का महत्व और उनका संरक्षण किस प्रकार किया जाए” यह बताया जाता है। कई स्थानों पर सरकारें प्रकृति संबंधी नई योजनाओं की घोषणा अथवा क्रियान्वयन करती हैं।

क्या है पर्यावरण दिवस 2022 की थीम

हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है और इस साल की थीम रखी गई है ‘Only One Earth- Living Sustainably in Harmony with Nature’ 

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व की आबादी तेजी से 8 अरब की ओर बढ़ रही है और हम अपनी वर्तमान जीवन शैली को बनाए रखने के लिए 1.6 पृथ्वी के बराबर का उपयोग कर रहे हैं। अर्थात् हम अपनी वर्तमान भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पृथ्वी के उपभोग के औसत मानक से भी ज्यादा इसका उपभोग कर रहे हैं। इसलिए स्वाभाविक रूप से, पारिस्थितिक तंत्र हमारी मांगों को पूरा नहीं कर सकता है और यही कारण है कि हमारे Ecosystem का तेज़ी से पतन हो रहा है।


यही वजह है कि हमें पृथ्वी के संरक्षण के प्रति और अधिक जागरूक करने के लिए इस बार की थीम Only One Earth रखी गई है क्योंकि हमारे पास सिर्फ और सिर्फ एक ही जीवन योग्य ग्रह है और उसे बचाने का समय भी बहुत कम।

स्वीडन करेगा विश्व पर्यावरण दिवस 2022 पर होने वाले आयोजन की मेजबानी | UNEP@50

स्वीडन की सरकार संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम(UNEP-United Nations Environmental Programme) के साथ साझेदारी में विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की मेजबानी करेगी। वर्ष 2022 मानव पर्यावरण पर 5 जून 1972 को स्टॉकहोम में हुए पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के गठन के 50 साल पूरे करता है। इसी सम्मेलन के कारण UNEP का निर्माण हुआ था और इसी कारण 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में नामित किया गया था।

 

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी?

मनुष्य का स्वभाव ऐसा है कि उसे चीजों की कदर तभी होती है जब वह उसे खो देता है। पृथ्वी इंसान को दी हुई ईश्वर की सबसे बड़ी देन है लेकिन इंसानों ने ईश्वर के इस उपहार की भी कद्र नहीं की और प्रकृति का इतना अधिक शोषण किया कि आज इसका खामियाजा पृथ्वी को भुगतना पड़ रहा है। 


विकास और आधुनिकता की दौड़ में हम पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचाते जा रहे हैं। यही वजह है कि आज कभी अचानक से बाढ़ आ जाती है, कहीं धरती में पानी सूख रहा है तो कहीं की जमीन आग उगल रही है। कहीं न कहीं इन सबका कारण इंसान ही है। पेड़ों के कटने की संख्या बढ़ती जा रही है। हरे-भरे खेत खाली मैदानों में बदल दिए गए हैं। नतीजा, हवा इतनी दूषित हो गई है कि शहरों में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है और ये सब आज से नहीं सालों से चला आ रहा है।

 

इन्हीं सब को देखते हुए विश्व के पर्यावरण विशेषज्ञों एवं पर्यावरणविदों में प्रकृति को लेकर चिंता उत्पन्न हुई और सन 1972 ईस्वी में स्टॉकहोम में आयोजित हुए पर्यावरण सम्मेलन में सभी मिलकर 5 जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाने के लिए सहमत हुए ताकि साल भर में 1 दिन ऐसा भी हो जब लोगों को प्रकृति के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। साल में 1 दिन ऐसा हो जिस दिन लोग अपना समय प्रकृति के संरक्षण में व्यतीत कर सकें। लोगों को प्रकृति से प्रेम करने को प्रेरित किया जा सके।

कब से मनाया जा रहा है विश्व पर्यावरण दिवस?

जैसा कि ऊपर आपने पढ़ा है कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की लिए पर्यावरणविदों एवं विभिन्न देशों के राष्ट्र प्रमुखों के बीच 5 जून 1972 को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित हुए मानव पर्यावरण सम्मेलन में सहमति बनी थी। अब आइए 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में चुने जाने के पीछे की कहानी को थोड़ा विस्तार से समझते हैं।

 

स्टॉकहोम में 5 जून 1972 को आयोजित हुआ यह मानव पर्यावरण सम्मेलन अब तक के इतिहास में पर्यावरण को लेकर हुआ प्रथम सम्मेलन था। जिसमें 119 देश शामिल हुए थे और भारत की ओर से इस सम्मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भाग लिया था। 

 

इस सम्मेलन को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनैतिक चेतना जागृत करना एवं आम जनमानस को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करना था। इस सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया था। 5 जून को आयोजित हुए इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था के रूप में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम(UNEP-United Nations Environmental Programme) का गठन हुआ था। इसलिए इसी दिन को प्रति वर्ष पर्यावरण दिवस मनाने के लिए चुना गया और पहली बार 5 जून 1973 ई० को दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।

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